सोमवार, 27 दिसंबर 2010

बात नहीं होती...

पहले जैसी रात नहीं होती
तेरी मेरी बात नहीं होती
मैं गीतों में बहता रहता हूं
तेरी कहानी कहता रहता हूं
सावन में बरसात नहीं होती
सपने तेरे मिलने आते हैं
आंखों में नींद नहीं होती
तुमको मेरी कमी नहीं होती
मैं होता हूं, तुम नहीं होती
तेरी मेरी बात नहीं होती...

1 टिप्पणी:

Shiv Kumar ने कहा…

kahaan se chori kiye hain ? itni achchhi kahaani