भोर...

शनिवार, 18 दिसंबर 2010

तेरी मेरी कहानी है...

तेरी बात सुनु
इक नज़्म कहूं
यही ज़िंदगानी है
तेरी मेरी कहानी है
Posted by विभुराज मागध at 8:03 pm

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