तुम्हारे जाने के साथ
बहुत कुछ गुजर जायेगा
मैं चाहता तो हूँ कि तुम्हें
मुस्कुराकर अलविदा कहूँ
पर दीवार से अटका
कैलेंडर बहुत याद आयेगा
बीती रुतों की शीरी बातें
और माज़ी का रुसवाईयाँ
हो सके तो सबको तुम
अपने साथ ले जाओ
हम नये बरस से
नई सी मुहब्बत करेंगे
तुम्हारा जिक्र करेंगे
तुमको याद करेंगे
उनमें जीयेंगे, मरेंगे
तुम्हारे जाने के साथ
बहुत कुछ गुजर जायेगा...
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