बुधवार, 28 सितंबर 2011

मैं और तुम

सुविधा और दुविधा
की राजनीति में उलझा
मेरा मैं
और
तुम्हारा तुम
असहज प्रश्नों की कुंजिका में
संबंधों का गणित सुलझाता
मेरा मैं
और
तुम्हारा तुम
द्विघात के जटिल समीकरण जैसा
जोड़ घटा गुणा भाग पे टिका
मेरा मैं
और
तुम्हारा तुम

1 टिप्पणी:

Girindra Nath Jha/ गिरीन्द्र नाथ झा ने कहा…

मेरा मैं..और..तुम्हारा तुम। यह आपकी गांठ है, बांध लिया आपने।