कुछ खूबसूरत से
ज़िंदगी से भीगे लम्हें
लरजते हाथों की छुअन से
मदहोश होते लम्हें
आवारा से
कमजोर से लम्हें
तेरी गुदगुदी से काँपते लम्हें
इक दूजे की तलाश में
गुमशुदा हुए लम्हें
तेरे इंतजार में जीते लम्हें
उलझी जुल्फों में
सुलझे लम्हें
रात की स्याही से
लिपटे लम्हें
ख्वाहिशों की बारिश में
नम हुए लम्हें
जिंदगी की थाली में
पेट भरते लम्हें
राह चलते
इक दूजे से टकराते
पूरे चाँद की रातों में
ख्वाब सजाते लम्हें
सुर्ख रुखसारों से
अठखेलियाँ करते
जिंदगी के झुमकों से
नजर चुराते लम्हें
जिंदगी से छलकते
मेरे तुम्हारे लम्हें
आईसक्रीम से पिघलते
दौड़ती भागती सड़कों पे
आवारा फिरते लम्हें
तेरे चश्मे से
करीब आते लम्हें...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें